मेरे नसीब में ना था तेरा दीदार करना
मैंने आंसुओं से लिख दिया तेरा इंतजार करना!
नसीब का खेल भी अजीब तरह से खेला हमने
जो ना था नसीब में उसी को टूट कर चाह बैठे..!
ए नसीब ज़रा एक बात तो बता ,
तू सबको आज़माता है
या मुझसे ही दुश्मनी है |
रजाईयां कहा नसीब होती हैं गरीब को जनाब…ये अपने हौसलों से लड़कर हर रात सो जाते हैं!
साथ मेरे बैठा था पर किसी और के करीब था,वो अपना सा लगने वाला किसी और का नसीब था.!
मोहब्बत हमारी महज एक ख्याल ही रही,ये जो हक्कीकत हैं यही मेरा नसीब हैं।