नशा था उनके प्यार का
जिस में हम खो गए
उन्हें भी नहीं पता चला
कि कब हम उनके हो गए !!
तेरे प्यार का नशा इस दिल पर छाया है
तेरी दिलकश अदाओ पर
मेरी धड़कन का साया है..!
अलग ही नशा है तुम्हारी मोहब्बत का
जो वक्त बेवक्त बदलता ही रहता है..!
इश्क़ का ही तो नशा होता है वर्ना…कौन कमबख्त सुनसान रास्तो पर मुस्कुराता है!
है नशा जायज़ नहीं तू आंखें मिलाना छोड़ दे…ये मयकशी अच्छी नहीं तू मयकदे जाना छोड़ दे!
खामोशी एक नशा है,और मैं नशे में हूं…!!