देखि माँ जो तेरी सुरत,
इक नजर छाने लगा माँ तेरा नशा मुझ पर,
लगी ऐसी मुझे प्यार की लग्न,
हो गयी मैं मैया मीरा जैसी मग्न!
शुभ नवरात्री!
हमको था इंतजार वो घड़ी आ गई,
होकर सिंह पर सवार माता रानी आ गई,
होगी अब मन की हर मुराद पूरी,
हरने सारे दुख माता अपने द्वार आ गई!
दुर्गा परम सनातनी जग की सृजनहार,
आदि भवानी महा देवी श्रृष्टि का आधार.
शुभ नवरात्रि
नवरात्रों पर
माँ का व्रत रखने से पहले
अपनी माँ से पूछ लेना
“माँ क्या हाल है
कुछ चाहिए तो नही “
माँ व्रत रखने से ज्यादा
आशीष दे देंगी
शुभ नवरात्री
“या देवी सर्वभूतेषु
दुर्गा रुपेण संस्थिताः।
नमस्तस्यै
नमस्तस्यै नमस्तस्यै
नमो नमः।
।ॐ श्री दुर्गे नमः।
आपको नवरात्रि की शुभकामनाएँ।
जमीन ने आसमान से कहा है,
सूरज ने जहाँ से कहा,
चाँद ने रात से कहा और
मैंने आपसे कहा –
हैप्पी नवरात्रि