माँ की ज्योति से नूर मिलता है
सब के दिलो को सुरूर मिलता है
जो भी जाता है माँ के द्वार
कुछ न कुछ जरूर मिलता है
शुभ नवरात्रि
दूर की सुनती हैं माँ, पास की सुनती हैं माँ,
माँ तो अखिर माँ हैं, माँ तो हर भक्त की सुनती हैं…
सजा हे दरबार, एक ज्योति जगमगाई है,
सुना हे नवरात्रि का त्योहार आया हैं,
वो देखो मंदिर में मेरी माता मुस्करायी है…
जय माँ दुर्गा..
जननी है वो तो वो ही काली,
दर पर उसके ना रहता,
किसी का दामन खाली!
कितना भी लिखो इसके लिये कम है,
सचहै ये कि ” माँ ” तू है, तो हम है..शुभ नवरात्रि
प्यार का तराना उपहार हो,
खुशियों का नज़राना बेशुमार हो,
ना रहे कोई गम का एहसास
ऐसा नवरात्र उत्सव इस साल हो..!!