कभी अधूरा सा कुछ कहूँ
तो तुम पूरा समझ जाना,
हम तो उलझे हैं तुझमें
तू हममें न कहीं उलझ जाना.
मिलावट है तेरे इश्क में,
इत्र और शराब की,
कभी हम महक जाते है,
कभी हम बहक जाते हैं.
पहली बार किसी चेहरे पर निगाह ठहरी है
उसकी आंखे सागर से भी गहरी है
थक गया मैं अपने प्यार का इजहार
करते करते
तब पता चला कि वो तो बहरी है..!!
बस इतनी सी ही कहानी थी मेरी मोहब्बत की मौसम की तरह तुम बदल गए, फसल की तरह मैं बरबाद हो गया|
आरजू होनी चाहिए किसी को याद करने की लम्हे तो अपने आप मिल जाते है|
टूटा हो दिल तो दुःख होता है,करके मोहब्बत किसी से ये दिल रोता है,दर्द का एहसास तो तब होता है,जब किसी से मोहब्बत हो और उसके दिल में कोई और होता है।