अजीब हाल मे पहुंच गई है ज़िन्दगी , अब न कोई अजनबी रहा न कोई अपना!!
मेरी हर ख़ुशी हर बात तेरी हैं,
सांसों में छुपी ये हयात तेरी हैं
दो पल भी नहीं रह सकते तेरे बिन
धड़कनो की धड़कती
हर आवाज़ तेरी हैं..
कहाँ मिलता है कोई समझने वाला जो भी मिलता है समझा के चला जाता है|
ठीक है बदल जाओ तुम, लेकिन ये याद रखना की हम बदल गए तो तुम करवटे बदलते रह जाओगे.
बड़ी अजीब मुलाकाते होती थी हमारी;वो मतलब से मिलते थे. और हमें मिलने से मतलब था!