एक चाहत थी तेरे साथ जीने की वरना मोहब्बत तो किसी से भी हो सकती थी!!!
तू पास नहीं तो क्या हुआ मोहब्बत तो हम तेरी दूरियों से भी करते है|
कागज पे तो अदालत चलती है,हमने तो तेरी आँखों के फैसले मंजूर किये....
वो वक़्त वो लम्हे कुछ अजीब होंगे,दुनिया में हम खुश नसीब होंगे,दूर से जब इतना याद करते है आपको,क्या होगा जब आप हमारे करीब होंगे!
ऐसा नहीं था की दिल में तेरी तस्वीर नहीं थी,बस इतना समझ लो कीहाथो में तेरे नाम की लकीर नहीं थी....
आदतन तुम ने कर दिए वादेआदतन हम ने ऐतबार कियातेरी राहो में बारहा रुक करहम ने अपना ही इंतज़ार कियाअब ना मांगेंगे जिंदगी या रबये गुनाह हम ने एक बार किया