सफर में कही तो दगा खा गए हम..
जहाँ से चले थे,वही आ गए हम...!!
हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने की,और कोई ख्वाहिश नहीं इस दीवाने की,शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा से है,क्या ज़रूरत थी, तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की!
मोहब्बत का नतीजा दुनिया में हमने बुरा देखा,जिन्हें दावा था वफ़ा का,उन्हें भी हमने बेवफा देखा..
टूटे हुए सपनो और छुटे हुए अपनों ने मार दिया वरना ख़ुशी खुद हमसे मुस्कुराना सिखने आया करती थी|