हमसे ना कट सकेगा अंधेरो का ये सफर
अब शाम हो रही हे मेरा हाथ थाम लो।
उनकी चाहत हमसे बयां ना हो पाई,
थक गए हम शायरी करते-करते...!!
असल में वही
जीवन की चाल समझता है …
जो सफ़र में
धूल को गुलाल समझता है ..!
Ek rishta jo muh bola tha
Uska bhee tumne tiraskaar kiya
Chhod kar dur chale gaye……
Ye kaisa tumhaara pyaar hua…..