दिल से निकली दुआ हमारी
दुःख का एक लम्हा किसी के पास न आये
सज रही हैं खुशियों की महफ़िल,
सज रहे समाज हैं हो ये खुशहाल.
सलामत रहे आपकी पूरी जिंदगी,
मुबारक हो नया साल।
साल की है ये आख़री रात, सुबह के नए के साथ |
करनी है एक दिल की बात, क्यों न खुशिया बांटे साथ-साथ |