निगाहें
कहाँ तक चुराओगे,
किस्मत में होगे तो एक दिन
मिल ही जाओगे !!
निगाह ए इश्क़ का अजीब ही शौक देखा,
तुम ही को देखा और बेपनाह देखा!
कीजिए अपनी निगाहों को एक चेहरे पर पाबंद…
यूं हर सूरत पर मिट जाना लानत- ए -वफा होती है!!
जब भी देखें तुझे यह निगाहें
फिर तुझे ही देखते रहना चाहें
कुछ पल के लिए निगाहों से निगाहें मिला लो
हमारे दिल को थोड़ा सुकून पहुंचा दो
तेरी निगाहों में देख मदहोशी छाने लगती है
तेरी नज़रें मेरी नज़रों से नींदे चुराने लगती है