एक अदा आपकी दिल चुराने की
एक अदा आपकी दिल में बस जाने की
चेहरा आपका चाँद सा
और एक जिद हमारी चाँद पाने की
मोहब्बत है कितनी ज्यादा तुमसे
कहो तो सारे जहाँ को बता दूँ
तू करदे हाँ एक बार
तेरे कदमो में आसमा बिछा दूँ
गम में हँसने वाले को रूलाया नहीं जाता,
लहरों से पानी को हटाया नहीं जाता,
होने वाले हो जाते हैं खुद ही अपने,
किसी को कहकर अपना बनाया नहीं जाता.
दिसम्बर की सर्दी है उस के ही जैसी
ज़रा सा जो छू ले बदन काँपता है
घर में भी दिल नहीं लग रहा, काम पर भी नहीं जा रहाजाने क्या ख़ौफ़ है जो तुझे चूम कर भी नहीं जा रहा।
रात के तीन बजने को हैं, यार ये कैसा महबूब है?जो गले भी नहीं लग रहा और घर भी नहीं जा रहा।