बंदगी हम ने छोड़ दी है 'फ़राज़'
क्या करें लोग जब ख़ुदा हो जाएँ
आप की याद आती रही रात भर
चाँदनी दिल दुखाती रही रात भर
कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तिरा ख़याल भी
दिल को ख़ुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी
रात के शायद एक बजे हैं
सोता होगा मेरा चाँद
कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था
आज की दास्ताँ हमारी है
सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में,ज़्यादा भीगना मत
अगर धुल गयी सारी ग़लतफ़हमियाँ,तो बहुत याद आएँगे हम!!