कब आया, कब चला गया,कोई लुढ़कता सामान हो जाता हूँ,पेट की आग बुझाने को,रहता हूँ घर से दूर,कब आया, कब चला गया,अपने घर में भी, मेहमान हो जाता हूँ l
नजरिया देखने का नज़र में हो,तभी कुछ सुंदर नज़र आता है lवरना आइना को क्या पता,हर आँख को ख्वाब कैसे आता है l
Raat hain kafi, thandi hawa chal rahi hain..
Goodnight Shayari
चाँद अब जमीन पर उतरने को हैं,
दिसंबर का महीना जा रहा हैं, जनवरी परवान चढ़ने को हैं.
मुझे यकीन हैं तुम आओगी आसमान से कोहरा छट रहा हैं,सूरज अभी छत पर चढ़ने को हैं.
गुड मॉर्निंग शायरी गर्लफ्रेंड
ये इश्क़ मोहब्बत की रिवायत भी अजीब है
पाया नहीं है जिसको उसे खोना भी नहीं चाहते