दिल का दीपक कुछ ऐसे जल जाये,पत्थर में भी मोह्हबत उतर आये
"तुम्हारे पास हूँ लेकिन जो दूरी है, समझता हूँ,
तुम्हारे बिन मेरी हस्ती अधूरी है, समझता हूँ,
तुम्हें मैं भूल जाऊँगा ये मुमकिन है नहीं, लेकिन
तुम्हीं को भूलना सबसे ज़रूरी है, समझता हूँ...!”❤️
फिजा में महकती शाम हो तुम,प्यार में झलकता जाम हो तुम
सीने में छुपाये फिरते हैं हम यादें तुम्हारी
इसलिए मेरी जिंदगी का दूसरा नाम हो तुम
इश्क़ है या इबादत
अब कुछ समझ नहीं आता,
एक खूबसूरत ख्याल हो तुम
जो दिल से नहीं जाता।