भीड़ में अकेला रह जाता हूँ,तेरी याद में ऐसे खो जाता हूँ l
अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलेंजिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें
रात का अंतिम ख्याल,सुबह की प्रार्थना सा,साथ रहती हो तुम l'हाँ' सपनों में नहीं आती,मुझे कभी-कभी सोने,भी नहीं देती हो तुम l
लिख के दिये सारे ख़त,हमने मोह्हबत के नाम,नहीं करते ऐसा तो,शायद हम भी मुकर जाते l
आँखों की गहराई को समझ नहीं सकते,
होठों से हम कुछ कह नहीं सकते,
कैसे बयाँ करे हम आपको ये दिल-ए-हाल,
की तुम ही हो जिसके बैगेर हम रह नहीं सकते.
मेरे बस में नहीं अब हाल-ए-दिल बयां करना,
बस ये समझ लो, लफ्ज कम मोहब्बत ज्यादा है..
हैप्पी वैलेंटाइन डे