"मैं सिसकियाँ ले रो भी नहीं सकता,
मुस्कुराने का उससे वादा किया है l"
घर में रह कर बिना काम के "मम्मी मम्मी"
चिल्लाने में भी एक अलग सुकून है...
ये बैचनी जो मेरे घर आई है,ना जाने कौनसा दर्द साथ लाई है lक्यों नज़र को, नज़र की तालाश है,क्या ये काँटों से भरा गुलाब है,या दूर कुसुमित फूल पलाश है l
"तुम्हारे साथ जिंदगी आसान लगती है,ऐसे जाने क्यों, बहुत परेशान लगती है l"
बीते साल को भूल जाएँ
आने वाले साल को गले लगाएँ
करते हैं हम प्रार्थना ईश्वर से
इस साल सारे सपने पूरे हों आपके
नव वर्ष की बहुत बहुत शुभकामनाएं