आज जो इस अकेलेपन का एहसास हुआ खुद को,तो समहाल नहीं पाया अपने इन आसुओं को।
आज जो इस अकेलेपन का एहसास हुआ खुद को,
तो समहाल नहीं पाया अपने इन आसुओं को।
मनुष्य को हमेशा मौका नहीं ढूढ़ना चाहिए,
क्योंकि जो आज है वहीं सबसे अच्छा मौका हैं.
Aaj ka suvichar
तन की जाने, मन की जाने-जाने चित की चोरी उस महाकाल से क्या
छिपावे जिसके हाथ है सब की डोरी 🌺🌺 जय श्री महाकाल 🌺🌺
Happy Mahashivratri
Be a Hero. Always Say, " I have no fear."
“ज़िंदगी” की “तपिश” को
“सहन” कीजिए “जनाब”,
अक्सर वे “पौधे” “मुरझा” जाते हैं,
जिनकी “परवरिश” “छाया” में होती हैं…