माँ-बाप के लिए क्या शेर लिखूं,
माँ-बाप ने मुझे खुद शेर बनाया हैं।
हाथी घोड़ा पाल की, जय कन्हैया लाल की|जन्माष्टमी की शुभकामनाएं
जिंदगी में सब लोग दोस्त या रिश्तेदार बनकर ही नहीं आते कुछ लोग सबक बनकर भी आते है|
कहाँ मांग ली थी कायनात मैंने,जो इतना दर्द मिला,ज़िन्दगी में पहली बार खुदा,तुझसे ज़िन्दगी ही तो मांगी थी।।