राधा ने श्री कृष्णा से पूछा प्यार का असली,
मतलब क्या होता हैं,
श्री कृष्णा ने हंस कर कहा जहाँ मतलब होता है,
वहां प्यार ही कहाँ होता हैं।
अधूरा है इश्क मेरा तेरे नाम के बिना,
जैसे अधूरी है राधा श्याम के बिना !!
राधा कृष्ण का मिलन तो बस एक बहाना था,
दुनियाँ को प्यार का सही मतलब जो समझाना था।
राधा के सच्चे प्रेम का यह ईनाम हैं,
कान्हा से पहले लोग लेते राधा का नाम है !
पूर्ण है श्रीकृष्ण परिपूर्ण है श्रीराधे
आदि है श्रीकृष्ण अनंत है श्रीराधे !
यदि प्रेम का मतलब सिर्फ पा लेना होता,
तो हर हृदय में राधा-कृष्ण का नाम नही होता !