सात फेरों से तो,
महज शरीर पर हक मिलते हैं,
आत्मा में हक तो
रूह के फेरों से मिलते हैं !
अब तो शायद ही मुझसे मुहब्बत करेगा कोई,
तेरी तस्वीर जो मेरी आखों में साफ नजर आती है !
प्यार करके कोई जताए ये जरूरी तो नही,याद करके कोई बताये ये जरूरी तो नही,रोने वाला तो दिल में ही रो लेता है,आँख में आंसू आये ये जरूरी तो नही..
इंकार को इकरार कहते है,खामोशी को इज़हार कहते है,क्या दस्तूर है इस दुनिया का,एक खूबसूरत सा धोखा है,जिसे लोग ‘प्यार’ कहते है..
ये वादा है हमारा ना छोड़ेंगे साथ तुम्हाराजो गए तुम हमको भूल करले आएंगे पकड़ कर हाथ तुम्हारा !!!