मेरे पास था भी क्या एक सब्र के सिवा,
वो भी आज लुटा बैठे हैं तेरे इंतजार में।
मेरी ज़िन्दगी में आने का तेरा शुक्रिया।
देख तेरे जाने के बाद मेने सब्र करना सिख दिया।
ज़िन्दगी के आखरी मुकाम तक दो ही सच्चे हमसफ़र मिले,जो हमेशा मेरे साथ चले एक सब्र.. और दूसरा इम्तेहान।
सब्र बहुत था मेरे पास फिर भी वो,बेसब्र कर गई।
एक इंतजार है जो खतम होने का नाम भी नही ले रहाएक सब्र है मेरा पल पल बिगडता जा रहा है
कितना सब्र हुआ करता था उस खत के जमाने मेंअब तो दो मिनट देर के रिप्लाई सेलोगों को शक हो जाता है