इतना सब्र
करना सीख जाओ,
कि कुछ बुरा हो तो
भी बुरा ना लगे !!
कभी तकलीफ़ में हो तो यूँ भी सब्र कर लेना,
लफ्ज़ों के इस्तेमाल से पहले रिश्तों की कद्र कर लेना!
बुलंदी की उड़ान पर हो तो जरा सब्र रखकर हवाओं में उड़ो,
परिंदे बताते है की आसमान में ठिकाने नहीं होते।
फिर हुआ यूँ की, सब्र की ऊँगली पकड़ के
हम इतना चले के रस्ते हैरान रह गये।
खुद हैरान हूँ मैं अपने सब्र का पैमाना देख कर,
तूने कभी याद ना किया, और मैंने कभी इन्तजार नहीं छोड़ा।
सब्र इतना रखो कि इश्क़ बेहूदा ना बने,
खुदा महबूब बन जाए पर महबूब खुदा ना बने!