बचपन में तो....
शामें भी हुआ करती थी
अब तो बस सुबह के बाद
रात हो जाती है...!!
मत पूछ कैसे गुज़र रही है जिंदगी,उस दौर से गुजर रही हु जो गुजरता ही नहीं|
तलाश मेरी थी और भटक रहा था वो,
दिल मेरा था और धड़क रहा था वो,प्यार का तालुक भी अजीब होता है,आंसू मेरे थे सिसक रहा था वो..