मेरे सनम आज तबाही होगी,
तेरे इश्क की रुसवाई होगी,,
पेश करूँगा तेरी वफा को इमरोज़,,
आज अरसो में बेवफा की सुनवाई होगी।
ना पूछो सितम सनम के और सितमगर का लहजा,
दिल से आती है आवाज, सह जा , ये भी सह जा!
सनम तुम्हारा याद आना भी कमाल होता है,
कभी तो आ कर देखो हमारा क्या हाल होता है!
बिना आहत के इन आँखों से दिल में उतरते हो,वाह!!! सनम क्या लाजवाब इश्क़ करते हो.
बहुत खूबसूरत इस दुनिया के नजारे हो गये,जिस पल से ऐ सनम हम तुम्हारे हो गये.
दो बातें हो सकती है सनम तेरे इन्कार की,दुनिया का डर है या कद्र नहीं मेरे प्यार की.