सनम के बिना जीना अधूरी सी लगती हैं,
ये जिन्दगी, जिन्दगी नही मजबूरी सी लगती हैं.
सनम के बिना जीना अधूरी सी लगती हैं,ये जिन्दगी, जिन्दगी नही मजबूरी सी लगती हैं.
महफ़िल भी सजी है सनम भी है,हम कंफ्यूज है इश्क करे या शायरी.
तुम्हारी कसम मेरे सनम अब हिम्मत नहीं हारेंगे,मर जायेंगे मगर तेरे सिवा किसी और को नहीं चाहेंगे.
ऐ सनम जिसने तुझे चाँद सी सूरत दी है,उस मालिक ने ही मुझे भी मोहब्बत दी है.
काबिलें तारीफ़ है मेरी सनम की अदायें,ना…ना कहना और फिर शरमा कर बाहों में आना.