मेरे सनम आज तबाही होगी,
तेरे इश्क की रुसवाई होगी,,
पेश करूँगा तेरी वफा को इमरोज़,,
आज अरसो में बेवफा की सुनवाई होगी।
ना पूछो सितम सनम के और सितमगर का लहजा,
दिल से आती है आवाज, सह जा , ये भी सह जा!
सनम तुम्हारा याद आना भी कमाल होता है,
कभी तो आ कर देखो हमारा क्या हाल होता है!
बाहों में तुझे भर लू ऐ सनम,
खेलू मैं तेरे जज्बातों से
आज नींद ना आये मेरे सनम को
कह दूँगी मैं रातों से.
दो बातें हो सकती है सनम तेरे इन्कार की,
दुनिया का डर है या कद्र नहीं मेरे प्यार की.
मेरे दिल के हालात छिपे नहीं है तुमसे
सनम फिर तुम क्यों इतनी दूर हो हमसे