मन छोड़ व्यर्थ की चिंता
तू शिव का नाम लिए जा
शिव अपना काम करेंगे तू
अपना काम किए जा
ॐ नम:शिवाय
सावन मास की हार्दिक शुभकामनाएं
साथ जब भी छोड़ना,
तो मुस्कुरा कर छोड़ना,
ताकी दुनिया ये ना समझे की
हम में दूरी हो गई !!
हवाएं..!
वृक्षों को झुका रही हैं….
बादल..! सूरज को छिपा रही हैं….
कलियां..! पुष्प बनकर खिल -खिला रही हैं….
भंवरा..! फूलों को देख गुनगुना रही हैं….
चिड़िया..! चहक- चहक कर मुस्कुरा रही हैं….
यह सावन मनभावन है
पतझड़ दिया था वक़्त ने सौगात में मुझे
मैने वक़्त की जेब से ‘सावन’ चुरा लिया
आँखें मेरी सावन की तरह बरसती है,उसे एक बार जी भरकर देखने को तरसती है.
आसमान भी बरसा नहीं अबकी सावन में,मेरी आँखें बरसती रही दिल के आँगन में.