सावन की आज पहली बारिश है
वो मिल जाए बस यही गुजारिश है
दोनों मिलकर भीगें इस मौसम में
लगाई मैनें ख़ुदा से सिफारिश है
जो गुजरे इश्क में सावन सुहाने याद आते हैं
तेरी जुल्फों के मुझको शामियाने याद आते हैं
सावन की बूंदों में झलकती है उसकी तस्वीर
आज फिर भीग बैठे उसे पाने की चाहत में