बदली सावन की कोई जब भी बरसती होगी
दिल ही दिल में वह मुझे याद तो करती होगी
ठीक से सो न सकी होगी कभी ख्यालों से मेरे
करवटें रात भर बिस्तर पे बदलती होगी।
हवाएं..!
वृक्षों को झुका रही हैं….
बादल..! सूरज को छिपा रही हैं….
कलियां..! पुष्प बनकर खिल -खिला रही हैं….
भंवरा..! फूलों को देख गुनगुना रही हैं….
चिड़िया..! चहक- चहक कर मुस्कुरा रही हैं….
यह सावन मनभावन है
सावन की आज पहली बारिश है
वो मिल जाए बस यही गुजारिश है
दोनों मिलकर भीगें इस मौसम में
लगाई मैनें ख़ुदा से सिफारिश है
Jai Mahakaal Shayari
खुद को कमजोर मत समझ तू भी अंश शक्ति का है,सावन का महीना तो बाबा भोलेनाथ की भक्ति का है।
सारे दुख सारे कष्ट सारे रोग भाग जाते है,जब सावन में बाबा भोलेनाथ जाग जाते है।हैप्पी सावन