सावन की बूंदों में झलकती है उसकी तस्वीर
आज फिर भीग बैठे उसे पाने की चाहत में
खुद भी रोता है, मुझे भी रूला के जाता है
ये सावन का महीना उसकी याद दिला जाता है.
मेरे आँगन में बारिश खूब हुई मगर सावन नहीं आया,
अबके बरस फिर परदेश से लौट कर मेरा साजन नहीं आया.
महाँकाल के भक्तो की खैरियत मत पुछो प्यारो,
ये तो अपनी ही मौज मे रहते हे.
पल पल प्रेम आँसु पिया करते है,
हर लम्हा महाकाल के चरणो में जिया करते है..
हैप्पी सावन सोमवार..
शिव की महिमा होती है अपरंपार,
जो सभी भक्तों का करती है बेड़ा पार।
चलो आओ जुड़ बैठे शिव के चरणों में,
मिल कर बांट लें हम भोले का यह प्यार।
Happy Sawan Month 2022
माथे का तिलक कभी हटेगा नहीऔर जब तक जिन्दा हूँ तब तकमहाकाल का नाम मुँह से मिटेगा नहीजय महाकाल