यूं तो तेरी महफिल में हमे चाहने वालो की कमी नहीं,पर हम तुझे चाहने में कोई खता करें ये भी तो हमें गवारा नही।
चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो,सांसों में मेरी खुशबु बन के बिखर जाते हो,कुछ यूँ चला है तेरे ‘इश्क’ का जादू,सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो।
हम तो बिछड़े थे तुमको अपना अहसास दिलाने के लिए,मगर तुमने तो मेरे बिना ही जीना सीख लिया..
उसके बाद हमने ना रखी किसी से मोहब्बत की आस, क्योकि एक तजुर्बा ही था हमारे लिए बहुत खास.