Tumhe sawan pasand hain... Mujhe sawan mein tum
Tumko Bheegna pasand hain.. Mujhe bheegte hue tum
ये कहना था उन से मोहब्बत है मुझ को
ये कहने में मुझ को ज़माने लगे हैं
कभी उनकी याद आती है,
कभी उनके ख्व़ाब आते हैं,
मुझे सताने के सलीके...
तो उन्हें बेहिसाब आते हैं…
नज़रें मिल जाएं तो प्यार हो जाता है,
पलकें उठ जाएं तो इज़हार हो जाता है,
ना जाने क्या कशिश है आपकी चाहत में,
कि कोई अनजान भी...