सुकून की बात मत कर
ऐ ग़ालिब,
बचपन वाला इतवार अब
नहीं आता!
Kyu Na Gurur Karu Khud Per ,
Mujhe Usne Chaha ,
Jisko Chahne Wale Hazar The.
Khamosh Muhabbat Ka Ehsaas Hai Wo,
Mere Khwahish Mere Jajbat Hai Wo,
Aksar Ye Khyal Kyu Aata Hai Dil Mai,
Meri Pahli Khoj Or Aakhiri Talash Hai Wo
सुनो कभी तुम नाराज हुए तो
हम झुक जायेंगे,
कभी हम नाराज हो तो आप
गले लगा लेना..!!
भीगते है जिस तरह से तेरी यादों में डूबकर,
इस बारिश में कहां वो कशिश है तेरे
खयालों जैसी..!!
जरूरते भी जरुरी है, जीने के लिये लेकिन,तुझसे जरूरी तो, जिंदगी भी नहीं'...