यूं ही हम दिल को साफ़ रखा करते थे, पता ही नहीं था की कीमत चेहरों की होती है!
Mere Palko Me Bhare Aansu
Unhe Paani Sa Lagta Hai
Hamara Tut Kar Chahna Unhe
Naadani Sa Lagta Hai...
मेरे हिस्से की ज़मीन बंजर थी, मैं वाकिफ ना थाबे-सबब इलज़ाम मैं देता रहा बरसात को..
बारिश की बूंदों में झलकती है उसकी तसवीरआज फिर भीग बैठे उससे पाने की चाहत में...
मुझसे नफरत करनी है तो इरादे मजबूत रखना वरना जरा सी भी चुके तो मोहब्बत हो जायेगी...
वो रो रो कर कहती रही मुझे नफरत है तुमसे, मगर एक सवाल आज भी परेशान किये हुए है, की अगर नफरत ही थी तो वो इतना रोई क्यों …