Bade hi chupke se bheja tha,
Mere mehbub ne muje ek gulab,
Kambhakht uski khusbu ne ,
Sare shehar me hungama kar diya.
चलो अब जाने भी दो क्या करोगे दास्ताँ सुनकर, ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं और बयाँ हमसे होगा नहीं|
तेरा इंतज़ार मुझे हर पल रहता है,हर लम्हा मुझे तेरा एहसास रहता है,तुझ बिन धड़कने रुक सी जाती है,क्योकि तू मेरे दिल में धड़कन बनकर रहता है|