Na Jahir Hui Tumse Aur Na
Hi Bayaan Hui Humse,
Bas Suljhi Hui Aankhon Mein
Uljhi Rahi Mohabbat.
उसने कहा चले जाओ
मेरी ज़िन्दगी से,
मेने कहा कौन हो तुम
भाईसाहब!!
ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैं
ना पास रहने से जुड़ जाते हैं
यह तो एहसास के पक्के धागे हैं
जो याद करने से और मजबूत हो जाते हैं
Socha na tha vo shakhs bhi itana jaldi saath chhod jayega,
Jo mujhe udas dekhakar kehta tha “main hu na”....