बहारो में बहार बसंत
मीठा मौसम मीठी उमंग
रंग बिरंगी उड़ती आकाश में पतंग
तुम साथ हो तो है इस ज़िंदगी का और ही रंग
हैप्पी बसंत पंचमी
अच्छा हुआ
कि तूने हमे तोड़ कर रख दिया,
घमंड भी तो बहुत था
हमे तेरे होने का....
Sawal kuch bhi ho
Jawab tum hi ho,
Rasta koi bhi ho
Manzil tum hi ho...
पूछता है जब कोई मुझसे की दुनिया में मोहब्बत अब बची है कहाँ..??मुस्कुरा देता हु मैं और याद आ जाती है "माँ"
दिल मे छिपा रखी है..मोहब्बत काले धन की तरह..खुलासा नही करता हू कि कही हंगामा ना हो जाये..