आप के ना चाहने का सिलसिला पुराना है,
उस तरफ़ निगाहें हैं इस तरफ़ निशाना है!
अच्छा है आँखों पर पलकों का कफन है,
वरना तो इन आँखों में बहुत कुछ दफन है!
कैसे रोकूँ जो अश्क़ आँखों से ढल जाते हैं,
दिल के कुछ दर्द हैं आँखों से निकल जाते हैं!
जो सूरुर है तेरी आँखों में वो बात कहां मैखाने में,
बस तू मिल जाए तो फिर क्या रखा है ज़माने में।
एक नजर देख ले हमे जीने की इजाजत दे दे,
ए रुठने वाले… वो पहली सी मोहब्बत दे दे।
पैगाम लिया है कभी पैगाम दिया है,
आँखों ने मोहब्बत में बड़ा काम किया है।