आप के ना चाहने का सिलसिला पुराना है,
उस तरफ़ निगाहें हैं इस तरफ़ निशाना है!
अच्छा है आँखों पर पलकों का कफन है,
वरना तो इन आँखों में बहुत कुछ दफन है!
कैसे रोकूँ जो अश्क़ आँखों से ढल जाते हैं,
दिल के कुछ दर्द हैं आँखों से निकल जाते हैं!
तैरना तो आता था हमें लेकिन,
तेरी आखों में डूब जाना अच्छा लगा !