जलाकर कलेजा चाय को बाहों में भरता है,
कुल्ल्ड जैसा इश्क भला कौन करता हैं
चाय और टोस्ट ना हो,
जैसे जिंदगी तो हो पर दोस्त ना हो
तेरी झूठी चाय पीना चाहता हु
मेरी ख्वाहिशे तो देख मै क्या चाहता हु
एक सुकून भरा चाय का कप,
हजार बेहतरीन खूबसूरत चेहरों से बेहतर होता है…!