कैसे बदल दूं मैं फितरत ये अपनी,मुझे तुम्हें सोचते रहने की आदत सी हो गई है..!!
ख़ूबसूरती ना चेहरे में होती है ना लिबास में, निगाहे जिसे चाहे उसे हसीन कर दे|
मोहब्बत का कोई इरादा तो नहीं था ऐ दिलनशी पर देखी जो तेरी अदा तो नियत ही बदल गयी|
"पलक से पानी गिरा है,तो उसको गिरने दोकोई पुरानी तमन्ना,पिंघल रही होगी!!"#गुलज़ार
बहुत मुश्किल से करता हूँ,तेरी यादों का कारोबार,मुनाफा कम है,पर गुज़ारा हो ही जाता है...#गुलज़ार
ना वो सपना देखो जो टूट जाये,ना वो हाथ थामो जो छुट जाये,मत आने दो किसी को करीब इतना,कि उससे दूर जाने से इंसान खुद से रूठ जाये|