वो किताबो में दर्ज था ही नही,
सिखाया जो सबक ज़िन्दगी ने.
इरादा तो हरगिज न था तुमसे मोहब्बत का,
सच कहे तो तुम्हे देखते ही मोहब्बत हो गयी।
अब इतनी भी बेरूख़ी नहीं रखते,
अपनों को दुःखी नहीं रखते.
ज़िंदगी की उम्र बहुत छोटी है,
लोगों से दुश्मनी नहीं रखते.