कुछ नहीं चाहा था उसे छोड़कर,
सबकुछ मिला बस एक उसे छोड़कर..!!
ख़्वाहिशों ने ही तो भटकाएं हैं जिंदगी के रास्ते,
वरना रूह तो उतरी थी ज़मीं पे मंजिल का पता लेकर..!!
वो हमें खुद इतना मजबूर कर गए,
ना चाहकर भी हमें खुद से दूर कर गए,
दिल इबादत करता था जिनकी सबसे,
वो ना जाने कैसे मौसम की तरह बदल गए !
नजर चाहती है दीदार करना,
दिल चाहता है प्यार करना,
क्या बताऊँ इस दिल का आलम,
नसीब में लिखा है इंतजार करना !
कितने मासूम होते है ये आँखों के आँसू भी,
ये निकलते भी उन के लिए है,
जिन्हे इनकी परवाह तक नहीं होती !