Sawal kuch bhi ho
Jawab tum hi ho,
Rasta koi bhi ho
Manzil tum hi ho...
“तेरी यादों के जो आखिरी थे निशान,दिल तड़पता रहा, हम मिटाते रहे...ख़त लिखे थे जो तुमने कभी प्यार में,उसको पढते रहे और जलाते रहे....”
तलाश मेरी थी और भटक रहा था वो,
दिल मेरा था और धड़क रहा था वो,प्यार का तालुक भी अजीब होता है,आंसू मेरे थे सिसक रहा था वो..
आज किसी की दुआ की कमी है,तभी तो हमारी आँखों में नमी है,कोई तो है जो भूल गया हमें,पर हमारे दिल में उसकी जगह वही है..
पूछता है जब कोई मुझसे की दुनिया में मोहब्बत अब बची है कहाँ..??मुस्कुरा देता हु मैं और याद आ जाती है "माँ"
दिल मे छिपा रखी है..मोहब्बत काले धन की तरह..खुलासा नही करता हू कि कही हंगामा ना हो जाये..