अच्छाई पर बहुतसारे सितम ढाए जाते है,कुछ ऐसे ही अच्छे लोगों कोबुरे बनाये जाते है !!
क्यों दिलों पर तुम यूँ सितम ढा रहे हो,
याद कर रहे हो और याद भी आ रहे हो!
सितम ख़ुद पे कितना ज़्यादा कर रहे हैं,
मेरे आंसू मुस्कुराने का वादा कर रहे हैं!
उनको भूले हुए अपने ही सितम याद आये,
जब उन्हें गैरो ने तड़पाया तो हम याद आये!
ना पूछो सितम सनम के और सितमगर का लहजा,
दिल से आती है आवाज, सह जा , ये भी सह जा!