मुझे सहल हो गई मंजिलें वो,
हवा के रुख भी बदल गये,
तेरा हाथ, हाथ में आ गया,
कि चिराग राह में जल गये।
ऐसी अपनी वाईफ हो,
जींस जिसकी टाईट हो,
चेहरा जिसका व्हाईट हो,
बालों में स्टाईल हो,
होंठों पर स्माइल हो,
इंडिया कि पैदाईश हो,
सास की सेवा जिसकी ख्वाहिश हो,
तो क्या हसीन लाईफ हो।
नींद सोती रहती है हमारे बिस्तर पे,और हम टहलते रहते हैं तेरी यादों में।
उम्र ने तलाशी ली, तो जेबों से लम्हे बरामद हुए..कुछ ग़म के, कुछ नम थे, कुछ टूटे, कुछ सही सलामत थे..
एक बार एक पंजाबी U.P. गया,और वहां एक कुए में गिर गया…एक आदमी वहां से गुजरा और उसने पंजाबी के चिल्लाने की आवाज सुनी…U.P. वाला :- “अबे कौन है बे कुए के भीतर?”पंजाबी :- “ओ पाजी ! अस्सी हां”U.P. वाला :- अबे दो-चार होते तो निकाल भी देते…अब अस्सी को कौन निकाले…पडे रहो भीतर ही…