लोग बहुत अच्छे होते हैं,
अगर हमारा वक़्त अच्छा हो..
“शतरंज का एक नियम बहुत ही उम्दा है,
चाल कोई भी चलो पर अपनों को नहीं मार सकते.”
Aaj Ka Suvichar
“अहंकार” दूसरों को झुकाकर कर खुश होता है,
“संस्कार” स्वयं झुककर खुश होता है..!
हम क्या कर चुके हैं
इससे ज्यादा महत्वपूर्ण ये है
कि अभी क्या करना बाकि है
– मैरी क्यूरी
हे ईश्वर… बस एक छोटी सी दुआ है,
जिन लम्हों में, मेरे अपने मुस्कुराते हो…
वो लम्हे कभी ख़त्म न हो…