मेरे साथ बिताए हुए पल संभाल
कर रखना ये पल तुम्हें याद तो आयेंगे
मगर वापस नहीं आयेंगे
तुम तो रह लेते हो हमारे
बिना पता नहीं हमसे क्यों
नहीं रहा जाता तुम्हारे बिना
रिश्ता शुरु होता है तो
इतनी कसमे खाई जाती है
इतनें वादे किए जाते हैं
ऐसा लगता है कि
ये रिश्ता कभी नहीं टूटेगा
और जब मन भर जाता है तो
लोग ऐसे छोड़ कर चले जाते हैं
जैसे कोई रिश्ता था ही नही
इजहार-ए-मोहब्बत पे अजब हाल है उनका,आँखें तो रज़ामंद हैं लब सोच रहे हैं।
रूबरू मिलने का मौका मिलता नहीं है रोज,इसलिए लफ्ज़ों से तुमको छू लिया मैंने।
मोहब्बत नाम है जिसका वो ऐसी क़ैद है यारों,कि उम्रें बीत जाती हैं सजा पूरी नहीं होती।