ख़ुद को इतना भी न बचाया कर,
बारिशें हुआ करे तो भीग जाया कर।
क्या किसी से उसका हाल पूछें,
नाम भी तो लिया नहीं जाता।” 😊
सर्दी में दिन सर्द मिला
हर मौसम बेदर्द मिला
इस से पहले कि बे-वफ़ा हो जाएँ
क्यूँ न ऐ दोस्त हम जुदा हो जाएँ
बन के एक हादसा बाज़ार में आ जायेगा,
जो नहीं होगा वो अख़बार में आ जायेगा
चोर उचक्कों की करो क़द्र के मालुम नहीं,
कौन, कब, कौनसी, सरकार में आ जायेगा
अब इतनी देर भी ना लगा, ये हो ना कहींतू आ चुका हो और तेरा इंतज़ार हो।